नगर पालिका ने सार्वजनिक प्रयोग के भवनों को निजी हाथों में सौंपा

कजली मेला जुलूस के नाम पर नगर पालिका ने 45 लाख लगाये ठिकाने

निजी हाथों से कम्न्यूटी गार्डन, टाउन हाॅल को मुक्त कराने की शहर वासियो ने जिलाधिकारी से लगाई गुहार

महोबा। भारत के लोकतंत्र की सरकारो में अन्य विभाग के साथ-साथ नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों का गठन शायद इस मंशा से किया गया था कि कस्बाई तथा शहरी जनता को सड़कों, नालियों की साफ सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा पेयजल से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं आम जनमानस को उपलब्ध कराई जा सकें। इन भावनाओं के तहत ही नगर पालिका परिषद महोबा द्वारा कम्न्यूटी गार्डन तथा टाउन हाॅल का निर्माण कराया गया था ताकि गरीब तथा निर्धन व्यक्तियों को भी अपनी बेटी और बेटे की शादी के लिये सुन्दर स्वच्छ स्थान प्राप्त हो सके। इसके साथ साथ उपरोक्त भवनों में अन्य धार्मिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों का भी आयोजन कराया जा सके। आम जनता के हितार्थ नगर पालिका परिषद महोबा द्वारा निर्मित कराये गये कम्न्यूटी गार्डन और टाउन हाॅल को पूर्व सांसद प्रतिनिधि तथा नगर पालिका के चेयरमैन संतोष चैरसिया एवं अधिशाषी अधिकारी अवधेष कुमार यादव ने अपने चहेतों को को निजी हाथों में सौंप दिया है।कम्न्यूटी गार्डन और टाउन हाॅल को स्वयं के हितार्थ और जनहित को ताक में रख अपने अपने चहेतों को मामूली वार्षिक किराये पर अनाधिकृत रूप से कई वर्षाेें के लिये किराये पर दे दिया है। नगर पालिका परिषद के चेयरमैन संतोष चैरसिया की कारगुजारी से शहर के नागरिकों में भाजपा सरकार तथा संतोष चैरसिया के प्रति भारी जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। जिन व्यक्तियों को कम्न्यूटी गार्ड किराये पर दिया गया है वह लोग मैरिज हाउस के रूप में उपयोग कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो हर शादी में अच्छी खासी रकम इनके द्वारा वसूली जाती है। लक्ष्मी मार्बल के मालिक ने टाउन हाॅल को किराये पर लेकर मार्बल के पत्थर भर रखें है जिससे टाउल हाॅल के क्षतिग्रस्त होने की संभावनाएं बलवति हो गई है। नगर पालिका परिषद महोबा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिये चारागाह साबित हो रहा है। कजली मेले के नाम पर 45 लाख का बजट बोर्ड बैठक में पास किया गया है। जबकि शोभा यात्रा एवं मेले के दौरान नगर पालिका द्वारा जगह-जगह से आए मेला देखने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया। मेले के नाम पर के नाम पर भारी भरकम धनराशि ठिकाने लगाई जा रही है। शहर के जागरूक नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी के द्वारा मेला बजट को ठिकाने लगाने की शिकायत मुख्यमंत्री से कर जांच की मांग की जाएगी।

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